पुरुषों पर भारी पड़ रहा है कोरोना, मृतकों में 70 फीसदी मर्द

पुरुषों पर भारी पड़ रहा है कोरोना, मृतकों में 70 फीसदी मर्द

सेहतराग टीम

डॉक्‍टरों, नेताओं या किसी भी विशेषज्ञ से पूछिये तो वो आपको बताएंगे कि पूरी दुनिया में हंगामा मचाने वाला कोरोना वायरस जाति, धर्म, नस्‍ल, अमीरी-गरीबी में फर्क नहीं करता और सबपर समान रूप से वार करता है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि शायद ये वायरस भी जेंडर के आधार पर पक्षपात करता है।

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कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली महामारी ने दुनियाभर में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की जानें ज्यादा ली हैं। ग्लोबल हेल्थ 50/50 ने कोविड-19 के शिकार होकर जान गंवाने वालों का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है। कोविड-19 का नया केंद्र बने इटली में कुल कोविड-19 पॉजिटिव लोगों में पुरुषों का प्रतिशत 60 है जबकि इस महामारी से मरने वालों में 70% पुरुष हैं। यह आंकड़ा इटली के नैशनल हेल्थ इंस्टिट्यूट ने जारी किया है। वहीं, चीन और दक्षिण कोरिया में भी यही ट्रेंड सामने आया। अमेरिका ने अब तक लैंगिक आधार पर मौतों का आंकड़ा पेश नहीं किया है।

इतना तो स्पष्ट है कि पुरुषों पर कोरोना का खतरा ज्यादा है। हालांकि, इसकी कोई वैज्ञानिक वजह सामने नहीं आई है। अनुमान यह जताया जा रहा है कि पुरुष धूम्रपान ज्यादा करते हैं, इसलिए उनके महत्वपूर्ण शारीरिक अंग पहले से ही डैमेज होते हैं। चूंकि कोरना वायरस उन लोगों पर तेजी से असर करता है जो पहले से ही बीमार हैं या जिनका इम्यूनिटी लेवल कम है, इसलिए पुरुष इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं।

ये हो सकते हैं प्रमुख कारण

चीन का ही उदाहरण ले लीजिए। यहां धूम्रपान करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी आबादी रहती है। आधे से ज्यादा चीनी पुरुष धूम्रपान करते हैं जबकि महज 3% चीनी महिलाओं को ही धूम्रपान की लत है। उसी तरह, इटली में 70 लाख पुरुष जबकि 45 लाख महिलाएं धूम्रपान करती हैं। दरअसल, इटली में कोविड-19 से मरने वाले 99% लोगों को पहले से कोई-न-कोई बीमारी थी। इनमें 75% को हाई ब्लड प्रेशर था। ध्यान रहे कि हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) की समस्या ज्यादातर पुरुषों में पाई जाती है। एक बात और है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ट्रैवल ज्यादा करते हैं। दूसरी बात यह भी है कि महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा संख्या में पुरुषों की जांच हो रही है।

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महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों पर कितना ज्यादा खतरा

ग्लोबल हेल्थ 50/50 का विश्लेषण व्यापक नहीं है क्योंकि इसने दुनिया की महज एक चौथाई आबादी का ही परीक्षण किया है। इसका कहना है, 'हर देश में लिंग आधारित अलग-अलग आंकड़े सामने आए हैं जिसके मुताबिक महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को कोविड-19 होने का चांस 10 से 90 प्रतिशत तक ज्यादा पाया गया है।' भारत में भी कोविड-19 से मरने वाले 10 लोगों में सिर्फ एक महिला है।

कोरोना से पहले भी दिखा यही ट्रेंड

कोरोना वायरस के फैलने से पहले SARS और MERS के दौरान भी यही ट्रेंड देखने को मिला था। सऊदी अरब से पैदा हुए MERS-Cov पर किए गए अध्ययन में पता चला कि इस बीमारी से अपेक्षाकृत ज्यादा पुरुषों की मौत का कारण यह हो सकता है कि महिलाएं साफ-सफाई और अच्छे स्वास्थ्य के अनुकूल व्यवहार को ज्यादा तवज्जो देती हैं। ऐसा H1N1 की महामारी के दौरान देखा गया था। अध्ययन के परिणाम कहते हैं कि महिलाओं की मृत्यु दर की एक वजह यह भी हो सकती है कि सऊदी अरब में ज्यादातर महिलाएं बुरका पहनती हैं।

(नवभारत टाइम्‍स से साभार)

 

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